Rishikesh-Karnprayag Rail Line: जैसा कि आप सब जानते हैं उत्तराखंड राज्य खूबसूरती की वादियों से घिरा हुआ है और अब रेलगाड़िया की सिटी उत्तराखंड में गूंजने वाली है क्योंकि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना को मंजूरी मिल गई है यह नया प्रोजेक्ट न केवल इंजीनियरिंग का एक बेहतरीन नमूना है बल्कि उत्तराखंड के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है आईए जानते हैं इस कमाल के नए रेल प्रोजेक्ट के बारे में सभी जानकारियां।
आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से उत्तराखंड में बनने वाले नए रेलवे लाइन प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी बताने वाले हैं यह एक विशाल रेल टनल है जो पहाड़ों को चीरती हुई बनाई जा रही है और यह भारत की सबसे लंबी रेल सुरंग में से एक मानी गई है आज हम इस लेख से जांच करेंगे की इस रेल टनल के बनने से राज्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा और बेरोजगारी की समस्या किस प्रकार समाप्त होगी।

Rishikesh-Karnprayag Rail Line
आप सभी की जानकारी के लिए बता दे की Rishikesh-Karnprayag Rail Line प्रयोजन को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस ऐतिहासिक प्रोजेक्ट के दौरे पर थे और उन्होंने जबर्दस्त कामयाबी की बधाइयां दी है साथ ही यह रेलवे लाइन उत्तराखंड के लिए बेहद महत्वपूर्ण होने वाली है इंजीनियरिंग अपनी लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग करके इस सुरंग का निर्माण कर रहे हैं।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट
इस प्रोजेक्ट के बन जाने से उत्तराखंड के विकास में एक नई क्रांति आने वाली है ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125 किलोमीटर लंबी रेललाइन का निर्माण भारतीय रेलवे के द्वारा किया जा रहा है जिसे उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में रेल कनेक्टिविटी बढ़ने के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया है। साथ ही यह प्रोजेक्ट पहाड़ी रास्तों पर पड़ने वाले कुछ प्रमुख स्थानों को एक साथ जोड़ने का काम करने वाली है इसके अलावा प्रोजेक्ट के साथ पर्यटन को भी काफी तेजी से बढ़ावा मिलेगा और चार धाम यात्रा में आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए यह रेल लाइन एक ऐतिहासिक धरोहर साबित होगी।
भारत की सबसे लंबी सुरंग का निर्माण
प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा आकर्षण टनल नंबर दो है जिसकी लंबाई लगभग 15 किलोमीटर होने वाली है और यह भारत की सबसे लंबी पहाड़ी रेल सुरंग में से एक है साथ ही इसका निर्माण बहुत कठिनाइयों से किया जा रहा है क्योंकि इसमें चट्टान नदिया और पहाड़ की ऊंचाई अभी सम्मिलित है लेकिन इस सुरंग को बनाना भारतीय इंजीनियर के लिए बड़ी उपलब्धि भी साबित हो सकता है।
ऋषिकेश और शिवपुरी के बीच बनाई जा रही है सुरंग निर्माण के लिए हाईटेक उपकरणों का उपयोग कर रही है साथ ही इसे बनाते समय NATM (New Austrian Tunneling Method) जैसी लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है जो खड़ी चट्टानों के बीच सुरंग बनाने का काम काफी तेजी से कारण रहे हैं।
प्रोजेक्ट की लागत
ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना का कुल बजट ₹16,200 करोड़ रुपए रखा गया है प्रोजेक्ट का पहला चरण 2026 तक पूरा होने की संभावना बताई गई है और अभी तक लगभग 60% तक कार्य पूरा हो चुका है इस परियोजना में अधिक सुरंग पुलों और रेल ट्रैक मजबूती से बनाया जा रहा है अनुमान लगाया जा रहा है कि यह लगभग 1.25 लाख यात्रियों को प्रतिदिन सफर करने का अवसर देने वाली है।